Rumored Buzz on Shiv chaisa
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
बृहस्पतिदेव की कथा
लै त्रिशूल शत्रुन को Shiv chaisa मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥